The Real Story of Gangubai Kathiawadi एक सेक्स वर्कर की सच्ची कहानी

एक वैश्या से राजनेता बनाने का सफर Gangubai Kathiawadi


दोस्तों कहते हैं कि हौसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते क्योंकि यही तो हैं जोकि हर तकलीफ में दवा का काम करते हैं। और कुछ ऐसी ही सच्ची और दिल को छू लेने वाली कहानी लेकर मैं आप सभी के सामने हाजिर हैं।  


तो उसको यह कहानी एक ऐसी महिला की जिसे ना चाहते हुए भी वैश्यावृत्ति करने पर मजबूर होना पड़ा क्योंकि महज 500 रुपये में ही उसे बेच दिया गया था। हालांकि उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में कभी भी हार नहीं मानी और आगे चलकर माफिया क्वीन के नाम से पहचानी गई। ज्यादा समय बात कर रहा हूं Gangubai का Kathiawadi की जिनके ऊपर आधारित बॉलीवुड फिल्म भी बहुत ही जल्द रिलीज होने वाली है। हालांकि आज हम जानेंगे कि आखिर Gangubai Kathiawadi ने ऐसा क्या किया था जिसे कि एक वैश्या को आज भी मुम्बई की गलियों में याद किया जाता है। 


Ganga har jivandas Kathiawadi

Gangubai Kathiawadi
Gangubai Kathiawadi
कहानी की शुरुआत होती है 1939 से जब Ganga har jivandas Kathiawadi का जन गुजरात राज्य के कटिहावर में हुआ था। 

वैसे तो Gangubai का जन्म एक ऐसे खानदान में हुआ था जहां पर पैसों की कोई कमी नहीं थी और इसी वजह से उनके घर वाले भी चाहते थे कि वह किसी अच्छे स्कूल में पढ़ाई करे। लेकिन Gangubai को तो शुरू से ही फिल्मों में जाने का शौक था जिसकी वजह से पढ़ाई लिखाई छोड़कर वह दिन भर टीवी के सामने ही बैठी रहती थी और फिर इसी तरह से ही समय बीतता गया और जब Gangubai करीब सोलह साल की थीं तब उनके पिता के पास एकाउंट्स का काम करने के लिए लावनिक नाम का एक लड़का है। जोकि गुजरात आने से पहले मुम्बई में रहता था और फिर Gangubai लावनिक के साथ मिलकर घंटो तक मुम्बई की फिल्मी दुनिया के बारे में बातें करती। 


और अब Gangubai को ऐसा लगता था कि उनके सपनों को पंख लग चुके हैं। हालांकि आगे चलकर धीरे धीरे दोनों में दोस्ती गहरी होने लगी और फिर यह दोस्ती प्यार में कब बदल गई पता ही नहीं चला। लेकिन प्रॉब्लम यह थी कि Gangubai के पिता इस रिश्ते को कभी भी स्वीकार नहीं करते और इसी वजह से लावनिक और गंगा दोनों ने घर से भागकर शादी करने का फैसला कर लिया और इसी कड़ी में ही 16 साल की नासमझ गंगा अपने कुछ कपड़े और मां के गहने लेकर लावनी के साथ मुम्बई आ गई और दोस्तों यहीं से अब शुरू हुई गंगा हरजीवन दास Kathiawadi की Gangubai बनने की कहानी। 

दरअसल मुम्बई जाने के बाद से गंगा के पति लावनिक ने गंगा को सिर्फ 500 रुपये के लिए कोठे पर बेच दिया और लावनिक ने यह कहकर गंगा को एक टैक्सी में बैठाया कि जब तक वह रहने के लिए घर खोजता है तब तक तुम मौसी के यहां चले जाओ। 


वैश्यावृत्ति की शुरुआत  :-  Gangubai Kathiawadi

हालांकि गंगा तो उस समय तक पहचान थी कि महज 500 रुपये के लिए उसके पति ने उसे बेच दिया है। हालांकि टैक्सी उसकी मौसी के वहां जाने की बजाय। मुम्बई के मशहूर रेडलाइट एरिया कमाठीपुरा में जाकर रुकी और अब गंगा को भी धीरे धीरे सारी बातें समझ में आने लगी थी। हालांकि काफी चीखने चिल्लाने के बाद से आखिरकार थक हारकर गंगा ने समझौता कर लिया और मजबूरन वह वैश्यावृत्ति के काम में लग गई और फिर कुछ समय के बाद ही Gangubai की सुन्दरता को देखते हुए बहुत दूर दूर से लोग उनके बारे में पूछते हुए आने लगे थे 


और कुछ इसी तरह से ही एक दिन शौकत खान नाम का ग्राहक की Gangubai के कोठे पर आया और फिर आने के बाद से उसने Gangubai के शरीर को बुरी तरह से नोच डाला और फिर अंत में वह बिना पैसे दिए ही वहां से चला भी गया। हालांकि इस बार Gangubai चुप रही लेकिन दुबारा एक बार फिर से शौकत खान Gangubai के पास आया और जानवरों की तरह व्यवहार किया और इस बार तो कंडीशन कुछ ऐसी हो गई थी कि Gangubai को हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा। हालांकि इन जख्नेमो ने Gangubai को खामोश करने की बजाय साहस दिया और फिर उन्होंने विरोध करने का फैसला ले लिया और फिर Gangubai ने यह ठान लिया कि शौकत खान को वह सबक सिखाकर रहेंगी। हालांकि जब शौकत के बारे में Gangubai ने पता लगाने की कोशिश की तब यह पता लगा कि शौकत खान उस समय के जाने माने डॉन करीम लाला का आदमी था और इसी वजह से वह किसी के साथ भी जोर जबरदस्ती करता। लेकिन दोस्तों Gangubai ने भी बिना किसी डर के डॉन करीम लाला से अपने साथ हुए आपबीती को बताने का ठान लिया था 


Gangubai Kathiawadi  का मुम्बई के डॉन से रिश्ता 

Gangubai Kathiawadi and Don Krim lala

और इसीलिए Gangubai डॉन के घर पहुंच गई। हालांकि घर पर एक वैश्या को देखकर डॉन के आदमियों ने Gangubai को एक अलग जगह पर बैठाया और उनके लिए नाश्ते का प्रबंध किया। हालांकि खुद को समाज से अलग बैठाए जाने की वजह से Gangubai ने किसी भी चीज को हाथ नहीं लगाई और फिर जब करीम लाला आए और Gangubai का नास्ता ऐसे ही रखा हुआ देखा तो फिर उनसे फिर से कुछ खाने का आग्रह किया। हालांकि Gangubai ने उन्हें उत्तर दिया कि जिस तरह से आपके घर के अंदर आने से आपका घर गंदा हो सकता है वैसे ही मैं आपके बर्तन को छूकर उसे गंदा नहीं करना चाहती हूं और फिर यही कहने के बाद से Gangubai ने अपनी सारी आपबीती करीम लाला को सुनाई और फिर करीम लाला ने अपने आदमी को गलत पाते हुए उसके ऊपर कार्यवाही की बात की और Gangubai से कहा कि अगर आगे से कोई भी आपके साथ ऐसा व्यवहार करे तो मैं उसे जरूर बताना। 

मैं उसे देख। और फिर इतनी सी ही बात सुनकर Gangubai Kathiawadi ने रोते हुए अपने बैग से एक धागा निकालकर करीम लाला के हाथों बर्बाद किया और यह कहा कि आज तक किसी भी व्यक्ति ने मुझे इतना सुरक्षित महसूस नहीं करवाया और इसी वजह से आज से आप मेरे मुंह बोले भाई हैं और दोस्तो जब इस बात की खबर समाज में फैली तो उसने Gangubai का सिक्‍का कमाठीपुरा में जमने लगा क्योंकि लोग अब जान गए थे कि Gangubai को परेशान करने का मतलब था मुम्बई के डॉन से पंगा लेना 


एक वैश्या से राजनेता बनाने का सफर 

फिर बीते दिनों के साथी Gangubai ने Red Light Area के इलेक्शन में खड़े होने का फैसला किया पर अपने विनम्र स्वभाव की वजह से वह इलेक्शन जीतने में भी सफल हो गई। हालांकि इलेक्शन जीतने के बावजूद भी Gangubai ने कभी भी अपनी ताकत का गलत उपयोग नहीं किया और उन्होंने रेडलाइट एरिया में काम करने वाले सेक्स वर्कर्स के हित के लिए काफी सारी लड़ाइयां लड़ी और दोस्तों एक बार तो मुम्बई के आजाद मैदान में सेक्स वर्कर्स के हित में Gangubai ने ऐसा भाषण दिया जिसे सुनकर सबके रमते खड़े हो गए। दरअसल संक्षेप में अगर उनकी बातों पर ध्यान दिया जाए तो Gangubai ने यह कहा था कि अगर कमाठीपुरा की औरतें नहीं होंगी तो फिर मुम्बई की सड़कें औरतों के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि मर्दों का वहशीपन कमाठीपुरा की औरतें झेलती हैं जिसको यह समाज नीची नजरों से देखता है और दोस्तों दागों बाई ने अपने रहते हुए कोठे पर किसी भी लड़की के साथ जबरदस्ती नहीं होने दी क्योंकि जो भी वहां पर अपनी मर्जी से रहना चाहता था वही रहता था और अब किसी लड़की के साथ जबरदस्ती भी कोई नहीं कर पाता। 


किताब माफिया क्वीन्स ऑफ मुम्बई 

दोस्तों कहा तो यह भी जाता है कि रेडलाइट एरिया में रहने वाली वेश्या Gangubai की फोटो तक अपने कमरे में लगाती हैं। हालांकि समय बीतने के साथ ही 60 के दशक तक Gangubai का उठना बैठना मुम्बई के माफिया और नेताओं के साथ होने लगा था। पर अब वह लाचार गंगा एक बेहद ही मजबूत महिलाओं में गिनी जाने लगी थी। और दोस्तों हुसैन जैदी के द्वारा लिखी गई किताब माफिया क्वीन्स ऑफ मुम्बई में सारी बातें आप डिटेल में पढ़ सकते हैं। 

साथ ही Gangubai के ऊपर ही एक फिल्म भी बनाई जा रही है जिसका नाम Gangubai Kathiawadi  वाड़ी रखा गया है और यह मूवी भी इसी साल ही रिलीज होने वाली है। 

उम्मीद करते हैं कि Gangubai Kathiawadi  की यह कहानी आपको जरूर ही पसंद आई होगी।  

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।