Islam और ‘Jihad’ में फर्क समझिए |

          Difference between Islam and Jihad

Islam और ‘Jihad’ में फर्क समझिए |

हम आपको Jihad और Islam का वो सही अर्थ दिखाना चाहते हैं जिससे हमारे देश के मुसलमानों को और आप सबको हमेशा दूर रखा गया। 
सच दिखाना आपको कोर्ट कचहरी के चक्कर लगवा सकता है लेकिन हिंदू देवी देवताओं का अपमान करने वालों को बुद्धिजीवी समझा जाता है। उन्हें लिबरल माना जाता है उन्हें कहा जाता है कि देखिए कितने उदारवादी हैं और ये कितने ओपन माइंडेड हैं उन्हें मानवतावादी कहा जाता है !

दुनिया का कोई भी धर्म हिंसा को बढ़ावा नहीं देता। Islam भी नहीं देता। इसलिए किसी भी मजहब के बारे में किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले हमें उसके सिद्धांतों के बारे में जरूर पता होना चाहिए। Islam ने हर मुसलमान के लिए कुछ खास कर्तव्य बनाए हैं। इन्हें Islam के पांच स्तंभ कहते हैं।. 

Islam और ‘Jihad’ में फर्क समझिए |

Islam का पहला स्तंभ है शहादा 


जिसका शाब्दिक अर्थ है घोषणा करना या गवाही देना हर मुसलमान का कर्तव्य है कि वो इस बात की घोषणा करे कि अल्लाह के सिवा कोई और परमेश्वर नहीं है यानि वो सिर्फ और सिर्फ अल्लाह में ही अपना भरोसा रखेगा।. 

Islam का दूसरा स्तंभ है सलाद

फारसी में इसी को नमाज भी कहते हैं Islam कहता है कि आम मुसलमान के लिए दिन में पांच बार नमाज पढ़ना जरूरी है।. 

Islam का तीसरा स्तंभ है ज़कात

आप इसे साल में एक बार किया जाने वाला दान भी कह सकते हैं। हर मुसलमान के लिए जरूरी है कि वो अपनी आय का अपनी आमदनी का एक हिस्सा जरूरतमंदों को दान जरूर दें। चैरिटी करें अंग्रेजी में अगर आप कहें तो. 

Islam का चौथा स्तंभ है सोम


इसे रोजा रखना भी कहते हैं। Islam में कहा गया है कि रमजान के महीने में हर मुसलमान के लिए रोजा यानी व्रत रखना जरूरी है। हिंदू से व्रत कहते हैं और Islam उसे रोजा कहा जाता है और आप लोगों को पता भी होगा। 


Islam का पांचवा स्तंभ है हज 

इसी तरह हज को Islam का पांचवा स्थान माना जाता है। हर मुसलमान का ये कर्तव्य है कि अगर वो मक्का जाने का खर्च उठा सकता है तो जीवन में कम से कम एक बार उसे हज जरूर जाना चाहिए। ये तो है ही Islam के पांच स्तंभों की बात।. 

Islam का छठा स्तंभ  है Jihad 

Jihad का शाब्दिक अर्थ है पवित्र युद्ध। लेकिन जिहाद की परिभाषा को हमेशा गलत तरीके से पेश किया गया है। इस पवित्र युद्ध को धर्मयुद्ध बताकर दुनियाभर में इसका गलत इस्तेमाल होता है।. 

आतंकवादी हिंसा और दहशत फैलाते हैं और खुद को जेहादी कहते हैं। कट्टरता को Jihad बताकर कट्टरपंथी अपने काम को सही ठहराते हैं। आज हम आपको ये बताने वाले हैं कि कौन से काम जिहाद की श्रेणी में नहीं आते। आपने नोट कर लीजिए ताकि Jihad के मामलों में आपके तर्क मजबूत बन सकें।. 

Islam और ‘Jihad’ में फर्क समझिए |

तर्क

  • अगर किसी के ऊपर Islam कबूल करने के लिए जबरदस्ती की जाए तो इसे Jihad नहीं कहा जा सकता।
  • अगर किसी देश या क्षेत्र पर कब्जा जमाने के लिए उस पर हमला किया जाता है तो इसे भी Jihad नहीं कहेंगे।
  •  इसी तरह अगर आर्थिक फायदे के लिए किसी इलाके पर हमला किया जाता है तो ये Jihad नहीं है। 
  • सिर्फ अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के नाम पर लीडर की ताकत का प्रदर्शन करने के नाम पर हिंसा को Jihad नहीं कहा जा सकता। 
  • अगर निर्दोष लोगों बच्चों महिलाओं की हत्या की जाती है या उनका बलात्कार किया जाता है इसे भी जिहाद बिल्कुल नहीं कह सकते 
  • अगर किसी पर हमला करके उसकी संपत्ति का नुकसान किया जाता है इसे भी जिहाद नहीं कहेंगे। 
  • इसी तरह अगर किसी को हराने के लिए जैविक युद्ध का सहारा लिया जाता है तो इसे भी जिहाद नहीं कहा जाना चाहिए जिहादी नहीं।. 

Islam में तो साधारण युद्ध के लिए भी कई सख्त नियम हैं और पूरे नियमों का पालन न करना गुनाह माना गया है

नियम

  •  पहला नियम ये है कि आप युद्ध की पहल खुद नहीं कर सकते। 
  • ये युद्ध किसी बादशाह या सुल्तान के निर्देश पर वह नहीं बल्कि सिर्फ किसी धार्मिक नेता के कहने पर ही शुरू किया जा सकता है।
  •  ये नियम यदि कहते हैं कि युद्ध में दुश्मन को भी पूरा सम्मान देना चाहिए और दुश्मन सैनिकों के साथ न्याय करना चाहिए। 
  • दुश्मन सेना के घायल सैनिकों का इलाज उन्हें अपना सैनिक मानकर करना चाहिए। 
  • युद्ध जितनी जल्दी हो सके उसे समाप्त करना चाहिए। 
  • अगर दुश्मन शांति की पहल करे तो फौरन युद्ध विराम की घोषणा कर देनी चाहिए। 
  • युद्ध के दौरान कुंओं या पानी के स्रोतों में जहर डालना बिल्कुल प्रतिबंधित है। 
  • आधुनिक युद्ध की भाषा में कहें तो रासायनिक या जैविक हथियारों से हमला करना गुनाह माना गया है। 

Jihad की परिभाषा को सदियों से हमेशा गलत तरीके से पेश किया जाता रहा है और इसी का नतीजा है कि हमारे देश में Jihad पर बात करना आपके जेल जाने की गारंटी बन सकता है। 

सच दिखाना आपको कोर्ट कचहरी के चक्कर लगवा सकता है लेकिन हिंदू देवी देवताओं का अपमान करने वालों को बुद्धिजीवी समझा जाता है। उन्हें लिबरल माना जाता है उन्हें कहा जाता है कि देखिए कितने उदारवादी हैं और ये कितने ओपन माइंडेड हैं उन्हें मानवतावादी कहा जाता है !