अखंडभारत के भारत की सीमायें कहाँ तक थी ? Map of India in the age of Akhandbharata
अखंडभारत के भारत की सीमायें
![]() |
अखंडभारत के भारत की सीमायें कहाँ तक थी ? Map of India in the age of Akhandbharata |
![]() |
अखंडभारत के भारत की सीमायें कहाँ तक थी ? Map of India in the age of Akhandbharata |
आर्य मान्यता के अनुसार इंसान की उत्पत्ति इतने वर्षों पहले प्रविष्ट यानि तिब्बत में हुई थी और तब तिब्बत के अलावा पूरी पृथ्वी पर जल ही जल था। संपूर्ण पृथ्वी जलमग्न थी।मनुष्यों के उत्पन्न होने पर ईश्वर ने वेदों का ज्ञान चार ऋषियों को दिया। जब धीरे धीरे पृथ्वी पर। जल का स्तर कम होता गया। तब तिब्बत में बसी मनुष्य जाति जिस देश में आकर बसी उसका नाम आर्यावर्त था। आर्य यानि श्रेष्ठ लोग अच्छे और पवित्र लोग जिस देश में जाकर बसे उस देश का नाम आर्यावर्त हुआ और यहीं से अनेकों लोग पृथ्वी के अलग अलग भूभाग पर जाकर बसने लगे और अन्य देशों का निर्माण हुआ।
![]() |
अखंडभारत के भारत की सीमायें कहाँ तक थी ? Map of India in the age of Akhandbharata |
आर्यावर्त के सबसे पहले राजा महर्षि मनु से लेकर महाभारत काल तक राजा युधिष्ठिर तक अनेकों राजा इस देश का पालन करते रहे।महाभारत के युद्ध के बाद ही यह देश अनेकों भागों में बंट गया और आर्यावर्त कहीं खो गया।
असल में आर्यावर्त की सीमा कहां तक थी और आज वो कौन से बड़े बड़े देश हैं जो आर्यावर्त की सीमाओं में आती थी।इस बारे में मनुस्मृति में महर्षि मनु ने आर्यावर्त देश का वर्णन करते हुए बताया है कि देव यानि दिव्य गुण और आचरण वाले विद्वानों के निवास से युक्त सरस्वती और दृष्ट द्वितीय नदी प्रदेशों के बीच का जो स्थान है उस सुशोभित देश को ब्रह्मावर्त या आर्यावर्त कहा गया है। इसे आगे एक्सप्लेन करते हुए ऋषि दयानन्द ने लिखा है उत्तर में हिमालय दक्षिण में विन्ध्याचल पश्चिम में अटक नदी और पूर्व में दृष्ट द्वितीय नदी जो नेपाल के पूर्व भाग के पहाड़ से निकलकर बंगाल के आसाम के पूर्व और ब्रह्मा के पश्चिम और होकर दक्षिण के समुद्र में मिलती है। जिसे ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है जो कि उत्तर के पहाड़ों से निकलकर।
दक्षिण के समुद्र की खाड़ी में मिलती है। इन नदियों की सीमाओं और इनके बीच का प्रदेश आर्यावर्त था। इस वर्णन के अनुसार दक्षिण दिशा के पश्चिमी और पूर्वी समुद्र के बीच का क्षेत्र आर्यावर्त की सीमा में आता था यानि कि श्रीलंका भी हमारी सीमा में था वहीं उत्तर में नेपाल तिब्बत पर चीन देश भी आर्यावर्त की सीमा में थी।उत्तर में पश्चिमी देशों में अफगानिस्तान और ईरान भी आर्यावर्त की सीमा में आते थे और उत्तर पूर्वी दिशा में बर्मा तक आर्यावर्त देश बसा था।इस तरह आज के अफगानिस्तान इरान चीन और श्रीलंका कजाकिस्तान जैसे देश भी आर्यावर्त देश की सीमा में थे।
![]() |
अखंडभारत के भारत की सीमायें कहाँ तक थी ? Map of India in the age of Akhandbharata |
आपको जानकर आश्चर्य होगा।महाभारत में चीन देश का प्राचीन नाम भी चीन ही बताया गया है और क्षेत्रफल की दृष्टि से आर्यावर्त पूरी दुनिया में सबसे अधिक था। जिस तरह आज अमेरिका चीन रूस जैसे देश विश्व के बड़े पावरफुल देशों में आते हैं उस तरह आर्यावर्त पूरी पृथ्वी में सबसे धनवान सबसे पावरफुल देश था।इस देश से पूरी दुनिया में लोग जाकर बसे इसी देश से पूरी दुनिया के लोगों ने बोलना चलना सीखा है। इस देश को सुवर्ण भूमि भी कहा जाता था। आर्यावर्त देश का ही पूरी पृथ्वी पर राज्य था। अन्य देशों में छोटे छोटे मंडल एक राजा रहते थे वे सब इस देश के अनुसार चलते थे इसलिए पूरी पृथ्वी को चारों ओर से जीतने से यहां अनेकों चक्रवर्ती राजा हुए।
सृष्टि के सबसे पहले स्वायंभुव मनु से लेकर पाण्डवों तक इस देश का संपूर्ण पृथ्वी पर राज्य रहा लेकिन महाभारत के युद्ध के बाद यह देश धीरे धीरे अलग अलग। बढ़ता गया और आज यह आर्यावर्त से इंडिया बन चुका है जिसकी सीमाएं काफी कम हो गई है।प्राचीन आर्यावर्त की सीमाओं को जानने के बाद सवाल यह उठता है कि क्या यह देश फिर से आर्यावर्त बन सकता है। यह देश फिर से विश्व गुरु कैसे बन सकता है। और इस बारे में आप क्या सोचते हैं। कैसे यह देश विश्व गुरु बन सकता है। अपने विचार कमेंट करके जरूर बताएं।
मैं आपसे मिलता हूं नए टॉपिक के साथ तब तक के लिए नमस्ते।